निलेश चौधरी
निलेश चौधरी
February 7, 2025 at 03:46 AM
माता रमाबाई आंबेडकर ने अपने जीवन में कई तरह के त्याग किए. वे त्याग, बलिदान, और सादगी की मूर्ति थीं. उन्होंने अपने बच्चों का बलिदान दिया और बाबा साहेब डॉ॰ भीमराव आंबेडकर को सामाजिक आज़ादी के लिए प्रेरित किया. माता रमाबाई के त्याग के बारे में रमाबाई ने अपने बच्चों को दफ़ना दिया ताकि बाबा साहेब की पढ़ाई के लिए पैसे जुटाए जा सकें. जब बाबा साहेब पढ़ाई के लिए घर से बाहर रहे, तब भी रमाबाई ने घर चलाने के लिए उपले बेचे. जब उन्हें पता चला कि बाबा साहेब लंदन में एक ब्रेड के टुकड़े पर गुज़ारा कर रहे हैं, तब उन्होंने गोबर के उपले बनाकर बेचे और पैसे इकट्ठा करके बाबा साहेब को लंदन भेजे. रमाबाई ने विषम परिस्थितियों में भी अपने पथ से विचलित नहीं हुआ. उन्होंने आधी रोटी, कभी तो वो भी नहीं, खाकर गुज़ारा किया ताकि बाबा साहेब पेट भर खा सकें. रमाबाई आंबेडकर का जन्म 7 फ़रवरी, 1898 को एक गरीब दलित परिवार में हुआ था. उनका निधन 27 मई, 1935 को लंबी बीमारी के बाद दादर, बॉम्बे हो गया था त्याग की मूर्ति माता रमाबाई जी को उनकी जयंती पर उन्हें शत-शत नमन🙏🏻

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