
श्री वेंकटेसाय सेवा ट्रस्ट
May 20, 2025 at 02:29 AM
_*।। धर्मपथ पर जीवन का उत्कर्ष और सर्वांगीण अभ्युदय ।।*_
जीवन के उत्कर्ष, आत्म-उन्नयन और सर्वतोमुखी अभ्युदय हेतु आवश्यक है कि हम धर्म के पथ पर अग्रसर हों; उसी मार्ग पर, जिस पर महान ऋषि-मुनि और महापुरुष अनुसरण करते हुए परम सिद्धि को प्राप्त हुए हैं।
सत्य और धर्म का मार्ग इसलिए भी श्रेष्ठ है, क्योंकि यह लौकिक और पारलौकिक — दोनों प्रकार की समृद्धि का द्वार है। यदि हम अपने नियत कर्मों का आचरण धर्मानुसार करें, तो उससे प्राप्त धन न केवल शरीर और स्वास्थ्य की रक्षा करता है, अपितु वह परिवार की आत्मा में संस्कारों का पुष्प-वृष्टि भी कर देता है।
अतः आडंबरों को त्याग कर, धर्म के आलोक में आत्मा के वास्तविक विकास की ओर चलें — यही सच्ची साधना है, यही जीवन का परम प्रयोजन हैं।
*आज का दिन शुभ मंगलमय हो।*
*श्री वेंकटेसाय सेवा ट्रस्ट*
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