
श्री वेंकटेसाय सेवा ट्रस्ट
May 22, 2025 at 09:59 AM
_*।। मनुष्य जीवन की सार्थकता - मानवता की खोज ।।*_
जीव, जंतु, पशु आदि अपने आप में सन्तुष्ट है!
जी रहे खा रहे घूम रहे सो रहे बच्चे पैदा कर रहे मर रहे!
उन्हें जीवन क्या है, क्यो है ? इन सबसे कोई मतलब नही ! सब जी रहे!
अगर हम *मनुष्य* होकर उन्ही के जैसे ही व्यवहार कर रहे तो मनुष्य होना व्यर्थ हो गया!
हम जो भी कर रहे यही समाप्त हो रहा है!
जो भी कर रहे उससे मनुष्य जीवन की सार्थकता नही दिख रही!
हमारे सोच विचार कर्म आदि से मनुष्य जीवन की उत्कृष्टता, महत्ता सार्थकता आदि दिखनी चाहिए!
तब ही हम मनुष्य कहलायेंगे!
सिर्फ मानव रूप में जन्म लेना ही पर्याप्त नही है ! *मानवता* भी होनी चाहिए और यह मानवता हम अपने विवेक से ,आचार-विचार से , प्रेम क्षमा, सहयोग आदि से कमा सकते हैं।
*आज का दिन शुभ मंगलमय हो।*
*श्री वेंकटेसाय सेवा ट्रस्ट*
https://whatsapp.com/channel/0029VabAWY87z4kcQNes4543
🙏
4