
Muwahid
May 12, 2025 at 02:44 AM
*दुनिया में मुसीबत और बुराई क्यों मौजूद है?* (The problem of evil) Part 4
*आखरी बात*
नास्तिक बुराई को जहां मन्सूब करना चाहिए वहाँ मन्सूब नही करता बल्कि गलत जगह मन्सूब कर देता है। नास्तिक ये समझता है कि बुराई इस दुनिया मे खुदा की वजह से है इसलिए वो खुदा को नही मानता है।
नास्तिक का ये ऐतराज़ बिल्कुल ही गलत है क्योंकि इस दुनिया में खुदा ने बुराई को पैदा किया है लेकिन इंसान को बुराई करने पर मजबूर नही किया है। इंसान खुद से ही बुराई को चुनता है अगर हमारी जिंदगी में बुराई मौजूद है तो उसका सवब (cause) हम खुद है।
बहुत बार ऐसा होता है कि मुसीबत का सवब (cause) इंसान खुद ही होता है। जैसे एक आदमी बहुत तेज़ रफ्तार से गाड़ी चला रहा है और यातायात के नियमों का पालन भी नही कर रहा है जिसके नतीजे में उसकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो जाता है और वह मर जाता है। तो इस मुसीबत का सवब इंसान खुद हुआ।
बाज मर्तबा कोई दूसरा शख्स जो हमारे समाज का है वो मुसीबत का सवब बनता है। जैसे एक आदमी अहतियात के साथ ड्राइविंग कर रहा है और यातायत के नियमों का भी पालन कर रहा है लेकिन दूसरी तरफ से एक गाड़ी आ रही है और वो आदमी तेज़ ड्राइविंग कर रहा है और यातायात के नियमों का भी पालन भी नही कर रहा है। जिसकी वजह से दूसरे आदमी की गाड़ी का पहले आदमी की गाड़ी से एक्सीडेंट हो जाता है और पहला आदमी मर जाता है तो इस मुसीबत का सवब हमारे समाज का कोई दूसरा शख्स हुआ।
किसी मुसीबत का वाज़ मर्तबा पूरा समाज सवब बनता है उदहारण के लिए अभी हाल ही में पूरी दुनिया में कोरोना वायरस फैल गया था। बहुत से देशों में जिसमे हमारा देश भी शामिल है वहाँ पर मरीज के लिए वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की कमी थी जिसकी वजह से बहुत से लोग जिनकी जान बचाई जा सकती थी वो दुनिया से चले गए। इन सब लोगो की जान का जिम्मेदार हमारा समाज खुद है। क्योंकि हमने ही हमारे समाज के ऐसे लोगो को चुनकर सत्ता में भेजा है जो कि भ्रष्टाचार करते है। जो पैसा वेंटिलेटर और ऑक्सीजन पर लगना चाहिए था इन लोगो ने वो पैसा वहाँ नही लगाया जिसकी वजह से बहुत सारे लोग मारे गए। इससे ये साबित हुआ कि इस मुसीबत का सवब हमारा समाज खुद है और हमारे समाज का भ्रष्ट होना है।
जब भी हम दुनिया मे मुसीबत देखे तो उस मुसीबत का सवब इंसान खुद है। चाहे वो खुद हो या उसके आस पास के लोग हो या चाहे हमारा पूरा समाज हो।
इस दुनिया मे मुसीबत और बुराई को खुदा ने जारी रखा है और उस बुराई के अंदर भी भलाई का पहलू मौजूद है लेकिन अगर इंसान के अंदर कोई बुराई है तो उसका कारण वो खुद है। जैसाकि खुदा ने अपने आखिरी संदेश कुरआन में कहा है कि:
*जो मुसीबत तुम्हें पहुंची वह तो तुम्हारे अपने हाथों की कमाई से पहुंची और बहुत कुछ तो वह माफ कर देता है।*
📓(कुरआन 42:30)
नास्तिक का ये ऐतराज़ की खुदा रहमान और क़ादिरे मुतलक (सर्वशक्तिमान) है तो इस दुनिया मे बुराई क्यों मौजूद है? इसका जबाब हमने ये दिया है कि खुदा सिर्फ रहमान और क़ादिरे मुतलक ही नही बल्कि अल-हक़ीम (The Wise) भी है। खुदा का कोई भी काम हिकमत से खाली नही है और खुदा की मुकम्मल हिकमत हमे समझ आ जाये ये जरूरी नही है। फिर हमने जाना कि खुदा ने इस दुनिया मे मुसीबत और बुराई को रखा है तो इसकी माकूल वज़ह क्या है? इसकी तीन माकूल वज़ह ऊपर बताई गई है।
1 .अगर इस दुनिया के अंदर मुसीबत औऱ बुराई न हो तो इंसान कभी भी भलाई का आनंद नही कर सकता।
2. खुदा ने इस दुनिया मे मुसीबत और बुराई को इसलिए भी रखा है ताकि इंसान के अंदर अच्छाइयां परवान चढ़ सके।
3. खुदा ने इस दुनिया मे मुसीबत और बुराई को इसलिए भी रखा है ताकि हम अपनी पसंद से अच्छाई और बुराई को चुन सकें, खुदा की दी हुई आज़ादी (free will) का इस्तेमाल कर सकें।
इन तीन वज़हों के अलावा और भी बहुत सी वज़ह हो सकती हैं। अगर अब भी नास्तिक को समझ में नहीं आ रहा है कि खुदा ने मुसीबत और बुराई को क्यों रखा है तो उससे एक सवाल ये है कि अगर दुनिया में मुसीबत और बुराई मौजूद है तो इसकी वजह से आप खुदा का इंकार कैसे कर सकते है?
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