⛳सनातन धर्मरक्षक समिति⛳
June 6, 2025 at 03:05 AM
*┈┉सनातन धर्म की जय,हिंदू ही सनातनी है┉┈*
*लेख क्र.-सधस/२०८२/ज्येष्ठ/शु./११-१८१३५*
*┈┉══════❀((""ॐ""))❀══════┉┈*
🔱 *व्यस्त जीवनशैली में से कुछ मिनट लगा कर अपने शास्त्र, पुराण अवश्य पढ़े,जीवन सरल हो जाएगा।*🔱
*🙏🏻ब्रह्मसूत्र🙏🏻*
🕉️ *१. पहला अध्याय* 🕉️
♦️ *चौथा पाद*♦️
✡️ *वेदान्त दर्शन* ✡️
♦️ *सूत्र ७ : 'महद्वच्च ।'*
👉भावार्थ : 'महत्' शब्द की भांति हो इसको भी दूसरे अर्थ में लेना अयुक्त नहीं है।
🔅 *व्याख्या -* सांख्य शास्त्र में जिस प्रकार 'महत्' शब्द
महत्व के लिए प्रयुक्त हुआ है किन्तु कठोपनिषद् में यही शब्द 'आत्मा' के लिए प्रयुक्त हुआ है। कठोपनिषद् (१/३/१०) में कहा गया है- बुद्धि से महान आत्मा पर है।' सांख्य मत में बुद्धि का नाम ही 'महत्व' है जो प्रकृति और पुरुष के संयोग से सर्वप्रथम उत्पन्न हुआ है किन्तु यहाँ 'महत्' शब्द जीवात्मा का वाचक है जो बुद्धि से परे है। इसी प्रकार 'अव्यक्त' शब्द का भी अर्थ सांख्य मत से भिन्न है ।
*क्रमश:________*
🕉️ *सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।* 🕉️
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योगिनामपि सर्वेषां मद्गतेनान्तरात्मना ।
श्रद्धावान्भजते यो मां स मे युक्ततमो मतः ॥
*माता महालक्ष्मी जी की जय*
*⛳⚜सनातन धर्मरक्षक समिति⚜⛳*
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