निलेश चौधरी
निलेश चौधरी
June 9, 2025 at 07:25 AM
भगवान बिरसा मुंडा, जिन्हें धरती आबा भी कहा जाता है, की पुण्यतिथि हर साल 9 जून को मनाई जाती है। यह दिन उनके शहादत की याद में मनाया जाता है, जब वे 1900 में अंग्रेजों के खिलाफ उलगुलान (विद्रोह) के दौरान शहीद हुए थे. बिरसा मुंडा आदिवासी समाज के लिए एक महान नेता और स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत थे. बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि का महत्व: शहादत दिवस: 9 जून को बिरसा मुंडा का शहादत दिवस मनाया जाता है, जब वे अंग्रेजों के खिलाफ अपनी जान गंवा दी थी. आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक: बिरसा मुंडा का उलगुलान आदिवासी समाज के लिए स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था. आदिवासी अस्मिता का प्रतीक: बिरसा मुंडा आदिवासियों की अस्मिता और स्वाभिमान के प्रतीक हैं. आदिवासी अधिकारों के लिए लड़ाई: बिरसा मुंडा ने आदिवासियों को उनके जल, जंगल और जमीन के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया. जनजातीय गौरव दिवस: बिरसा मुंडा के जन्मदिन (15 नवंबर) को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है. पुण्यतिथि पर किए जाने वाले कार्यक्रम: श्रद्धांजलि समारोह: बिरसा मुंडा के शहादत स्थल पर श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किए जाते हैं. प्रतिमा पर माल्यार्पण: बिरसा मुंडा की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया जाता है. बैठकें और सेमिनार: बिरसा मुंडा के जीवन और उनके संघर्ष के बारे में चर्चा और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं. सांस्कृतिक कार्यक्रम: बिरसा मुंडा से जुड़ी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. बिरसा मुंडा का संदेश: बिरसा मुंडा का संदेश है कि आदिवासी समाज को अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए और अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. उनका उलगुलान आदिवासियों को स्वतंत्रता और स्वाभिमान के लिए प्रेरित करता है.
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