
Dinesh द डायरी
May 23, 2025 at 11:07 AM
जब जीवन स्वयं का है, तो आशाएँ दूसरों से क्यों?
मार्ग स्वयं चुनें, अपेक्षाएँ नहीं कर्तव्य निभाएँ।"
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