
पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
June 10, 2025 at 05:24 PM
*विपत्त जोग योग*
दुखवा - दुखवा सबै रोवे,
सुखवा के न भेद खोले,
जेकर जितना सुनत जा,
ओकर उतने आफत आवे,
भागत परत है इधर - उधर,
कहि ठौर न पावत ह,
जे, जेकर के जय उहै गावे,
आपन विपत्तियां सबे सुनवे,
उहो विपत्तियां नजर न आवे,
जेकर जितना भुगत भोग ब,
ओकर उतने न जुगत जोग ब,
इहाई है जगत जोग,
जेकर जितने उतने रोग,
#dehati_kavita
#villager's_poetry
@सम्राट साहू 🙏🏻
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