कविता का संगम
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कविता का संगम ✒️📖
May 14, 2025 at 07:12 AM
गुज़ार दिए होंगे तुमने, कई दिन, महीने, साल.. जो काट ना सकोगे वो एक रात हूँ मै। की होगी गुफ्तगू, तुमने कई दफा कई लोगों से, दिल पर जो लगेगी वो एक बात हूँ मै। भीड़ में जब तन्हा, खुदको तुम पाओगे, अपनेपन का एहसास जो करा दे, वो एक साथ हूँ मैं। बिताये होंगे तुमने कई हसीन पल सबके साथ में, जो भुला नहीं पाओगे, वो एक याद हूँ मै। Poetry threads ✨🫶

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