कविता का संगम
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कविता का संगम ✒️📖
May 14, 2025 at 07:14 AM
चाँद सितारे फूल परिंदे, शाम सवेरा एक तरफ... तेरा हँसना, तेरी बाते, तेरा चेहरा एक तरफ... ख्वाबो में तेरे गुम रहना, ख्वाबो में मिलना एक तरफ... देख तुझे अंदेखा करना, छोड़ो ये तो एक तरफ... मन में सब कुछ कह जाना, तेरे आगे चुप रहना एक तरफ... तुझसे मिले हर पल को जीना, और तुझमें खो जाना एक तरफ... तेरी हँसी का हर इक पल, दिल में बसेरा एक तरफ... ज़िक्र तेरा हर शब्दों में, तेरा बेखबर होना एक तरफ....!!❣️ ~ आयुष 🧿

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