कविता का संगम
✒️📖
कविता का संगम ✒️📖
May 17, 2025 at 03:53 AM
"आँखें बंद करके भरोसा कर सकूं, एक ऐसा परम मित्र चाहिये! जो ख़ामोशी में भी मेरी बातें समझ ले, जिसके होने से ही जीवन आसान लगे! जो ग़लत होते हुए भी साथ न छोडे, जो सही राह पर चुपके से मोड़ दे! जो मेरी हर कमजोरी को ढाल बना ले, और हर दर्द को मुस्कान में बदल दे !! "❤️💫💞🫂

Comments