कविता का संगम
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कविता का संगम ✒️📖
June 5, 2025 at 06:45 AM
ज़िक्र हर बार ज़रूरी नहीं तुम बहुत ख़ास हो रूह का रिश्ता है मिले या ना मिले बस दिल में रहे ख्वाहिश ये नहीं कि तुझे पा लूँ गुज़ारिश ये है कि हमेशा तेरे दिल ❤️ में रहूँ एक हसीन याद बनकर एक ख़ूबसूरत ख़्वाब बनकर❤️✍🏻…….

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