Lost Muslim Heritage of Bihar
Lost Muslim Heritage of Bihar
May 20, 2025 at 07:16 PM
एक बड़ी ही नायाब तस्वीर हाथ लगी है, जिसमे आप बाईं से दाईं जानिब राजा महमूदाबाद मुहम्मद अमीर अहमद ख़ान, सैयद नक़ी इमाम, महाराजकुमार मुहम्मद अमीर हैदर ख़ान और सैयद मेहदी इमाम को देख सकते हैं। ये तस्वीर लखनऊ में खैंची गई है। राजा और महाराजकुमार अवध इलाक़े के महमूदाबाद के तालुक़दार थे। वहीं नक़ी इमाम और मेहदी इमाम का ताल्लुक़ पटना से था। एक मुस्लिम लीग के अध्यक्ष रहे अली इमाम के बेटा थे तो दूसरे कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हसन इमाम के। दोनों ही बैरिस्टर भी थे। नक़ी इमाम पटना हाई कोर्ट में जज हुए, बिहार विधानपरिषद के सदस्य भी रहे, और उसके उपसभापति भी, उनकी पत्नी अज़ीज़ा इमाम दो टर्म राज्यसभा की सदस्य रहीं, वहीं साला कर्नल महबूब अहमद आज़ाद हिन्द फ़ौज में बड़े अफ़सर थे और आज़ादी के बाद डिप्लोमैट की हैसियत से अलग अलग मुल्क में रहे। वहीं मेहदी इमाम पटना हाई कोर्ट में वकालत करते थे। अंग्रेज़ी ज़ुबान के पहले बिहारी नाटककार भी थे। उनकी शादी असम और उड़ीसा के राज्यपाल के साथ स्टेट रियॉर्जनाइज़ेशन कमीशन के अध्यक्ष रहे जस्टिस फ़ज़ल अली की बेटी से हुई। वहीं साला सैयद मुर्तज़ा अली थे जो जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस के साथ सुप्रीम कोर्ट के भी जज हुए। राजा और महाराजकुमार के वालिद मुहम्मद अली मुहम्मद ख़ान लखनऊ को यूपी की राजधानी बनवाने वालों में से थे और उन्होंने ही लखनऊ यूनिवर्सिटी बनवाई थी। ठीक इसी तरह अली इमाम और हसन इमाम अलग बिहार राज्य बनवाने वालों में से थे। और इन लोगों ने पटना यूनिवर्सिटी की स्थापना में अहम रोल निभाया था। https://x.com/lmhobofficial/status/1924906715675607212?s=46
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