
अदल तौहीद
May 17, 2025 at 05:06 PM
रसूलअल्लाह ﷺ ने फ़रमाया :-
जब तुममें से कोई शख़्स वुज़ू करता है। और वुज़ू भी ख़ूब सँवार कर करता है। फिर मस्जिद की तरफ़ आता है तो सिर्फ़ नमाज़ के लिये (घर से) निकलता है नमाज़ के सिवा और कोई मक़सद नहीं होता, तो वो जो क़दम भी उठाता है उसके बदले अल्लाह तआला उसका एक दर्जा बुलन्द फ़रमाता है और एक गुनाह माफ़ करता है। (उसको उसी तरह सवाब मिलता रहता है) यहाँ तक कि वो मस्जिद में दाख़िल हो जाता है,फिर जब वो मस्जिद में दाख़िल हो जाता है तो जब तक वो नमाज़ की वजह से रुका रहता है (सवाब के लिहाज़ से) नमाज़ ही में (गिनती) होता है❗️
📘(इब्नेमाजा:774)
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