
मोहब्बत शायरी
June 1, 2025 at 08:57 PM
कठिन है राह थोड़ी दूर साथ चलो
बहुत कड़ा है सफ़र थोड़ी दूर साथ चलो
पूरी उम्र कहाँ कोई साथ देता है
ये जानता हूँ मगर थोड़ी दूर साथ चलो
नशे में चूर हूँ मैं भी तुम्हें भी होश नहीं
अच्छा लगेगा तुमको भी अगर थोड़ी दूर साथ चलो
ये एक क्षण की मुलाक़ात भी ग़नीमत है
किसे है कल की ख़बर चलो थोड़ी दूर साथ चलो
अभी तो जाग रहे हैं हम भी रातों को इस जिंदगी के सफर में
अभी है दूर शहर भी चलो थोड़ी दूर साथ चले....!
❤️💓👍🏻👍🏻