मोहब्बत शायरी
मोहब्बत शायरी
June 4, 2025 at 06:40 AM
आते आते मिरा नाम सा रह गया उस के होंटों पे कुछ काँपता रह गया रात मुजरिम थी दामन बचा ले गई दिन गवाहों की ताक में खड़ा रह गया एक दिन वो मेरा सबकुछ लेकर मेरे सामने से ही गया और मैं रास्ते की तरह देखता रह गया झूट वाले देखो कहा से कहा बढ़ रहे, और मैं हुं कि अभी भी सच बोलता रह गया कुछ अपनों के इरादे तो अच्छे न थे और मैं लड़खड़ाते_लड़खड़ाते खड़ा हो जाऊंगा देखने वाले देखते रहेंगे मेरे गिरने के इंतजार में वहीं खड़े के खड़े रह जाएंगे।। #जय_श्री_श्याम❤️
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