अखण्ड सनातन समिति🚩🇮🇳
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June 7, 2025 at 11:07 AM
*"अखिल विश्व अखण्ड सनातन सेवा फाउंडेशन"*(पंजीकृत) *द्वारा संचालित* *अखण्ड सनातन समिति🚩🇮🇳* *क्रमांक~ १३* *_ऊबने लगे लोग राहुल गांधी की राजनीति से, मोदी के घोर विरोधी नेता भी सरकार के साथ..._* https://navbharattimes.indiatimes.com/india/operation-sindoor-are-even-staunchest-modi-critics-in-congress-getting-bored-of-rahul-gandhi-politics/articleshow/121308811.cms *ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के पीछे सबसे बड़ी ताकत देश की एकजुटता है। राजनीतिक दलों ने भी इस सैन्य अभियान के दौरान केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को पूरा समर्थन दिया। औपचारिक तौर पर तो कांग्रेस पार्टी और उसके नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे भी इस मुद्दे पर सरकार को समर्थन देने वालों में शामिल रहे लेकिन ऑपरेशन सिंदूर से पहले और खासकर उस पर अस्थाई ब्रेक लगने के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता तथा कांग्रेस ने जिस तरह से इस सैन्य अभियान पर सवाल उठाए हैं, उसे लेकर उनकी पार्टी में भी पूर्ण सहमति नहीं दिख रही।* *हैरानी की बात ये है कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की लाइन से अलग हटकर पूरी तरह से सरकार, भारतीय सशस्त्र सेना का नजरिया मानने वालों में वे कांग्रेसी नेता भी शामिल हो रहे हैं जो कभी घोर मोदी विरोधी नेता के रूप में जाने जाते रहे हैं।* *`घोर मोदी विरोधी कांग्रेसी नेता भी सरकार के साथ`* *राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे की अगुवाई वाली कांग्रेस पार्टी इस दावे के साथ मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करती रही कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ सीजफायर करवाने में मध्यस्थता की, जो कि भारत की स्थापित कूटनीति के खिलाफ है जबकि ट्रंप को खुद भी अपने इस दावे से पीछे हटना पड़ चुका है। अब कांग्रेस के सलमान खुर्शीद जैसे नेता भी पार्टी की लाइन को गलत ठहरा रहे हैं।* *उन्होंने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और ऑपरेशन सिंदूर पर दुनिया भर के देशों में जा रहे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को विदेश सचिव विक्रम मिसरी की ब्रीफिंग के बाद कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच जो भी बातचीत हुई उसमें किसी और ने दखल नहीं दिया। किसी ने भी बीच में आकर सुलह कराने की कोशिश नहीं की। दुनिया में जब ऐसी बातें होती हैं तो कई लोग संदेश भेजने की कोशिश करते हैं लेकिन जो कुछ भी हुआ, वह दोनों देशों के बीच ही हुआ। जब मामला बढ़ा तो भी दोनों देश ही शामिल थे। जब यह खत्म हुआ, तो भी दोनों देशों ने ही मिलकर इसे खत्म किया।* *इसकी शुरुआत पाकिस्तानी DGMO ने की थी। उन्होंने कहा कि हमें इसे खत्म कर देना चाहिए। हमने कहा कि अगर वे तैयार हैं तो ऐसा किया जा सकता है।* *`राहुल गांधी की राजनीति से ऊबने लगे हैं कांग्रेसी`* *पूर्व विदेश राज्यमंत्री सलमान खुर्शीद कांग्रेस के उन नेताओं में शामिल हैं, जो 10 जनपथ के बेहद करीबी माने जाते हैं और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की नीतियों के कट्टर आलोचक रहे हैं।* *एक बार पीएम मोदी ने बलूचिस्तान में हो रही पाकिस्तानी ज्यादतियों का मसला उठाया था तो इन्होंने उनकी कड़ी आलोचना शुरू कर दी थी जिसे बाद में कांग्रेस ने किसी तरह से संभालने की कोशिश की थी लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर उन्होंने जिस तरह से विदेश में जाकर भारत का पक्ष रखने के मोदी सरकार की पहल का समर्थन किया है और खुद इसका हिस्सा बनने को तैयार हुए हैं, वह उन्हें इस मुद्दे पर राहुल और खरगे की अगुवाई वाली पार्टी की नीतियों से दूर कर रहा है।* *`कांग्रेस में ऑपरेशन सिंदूर पर लंबी हो रही 'लक्ष्मण रेखा'`* *मोदी सरकार की ओर से ऑल पार्टी डेलिगेशन में शामिल कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी भी पीएम मोदी की नीतियों के घोर-विरोधियों में गिने जाते रहे हैं लेकिन वे न केवल इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने के लिए तैयार हुए हैं, बल्कि हर देशभक्त को ऑपरेशन सिंदूर के मसले पर एक ही तरह से बर्ताव करने का संदेश भी दे रहे हैं।* *इस समय ऑपरेशन सिंदूर पर सियासत को 'ना' कहने वाले सबसे प्रमुख कांग्रेसी चेहरे शशि थरूर बन चुके हैं। केरल के तिरुवनंतपुरम से पार्टी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले से लेकर ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद भारत सरकार की कूटनीति का जमकर समर्थन किया है। उन्होंने यह साहस तब दिखाया है, जब पार्टी के अंदर से उनके लिए सरकार के समर्थन में खड़े होने के लिए लक्ष्मण रेखा खींचने तक की मांग उठ चुकी हैं।* *इसी तरह से एक कांग्रेसी दिग्गज पी चिदंबरम हैं। राहुल ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयानों पर कुछ इस तरह के सवाल उठाए, जिसे पाकिस्तान में हाथों-हाथ लिया गया लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के कट्टर आलोचकों में गिने जाने वाले चिदंबरम ने इस विवाद पर दो टूक कह दिया कि जब विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण दे दिया है तो मेरे लिए कुछ कहने को नहीं बच गया है।* *`कांग्रेस को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के मकसद पर भी संदेह`* *कांग्रेस पर राहुल गांधी की राजनीति का असर ये है कि पार्टी ऑल पार्टी डेलिगेशन विदेश भेजे जाने के मकसद पर ही अब सवाल उठाने लगी है। पार्टी महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने मीडिया से बात में यहां तक कह दिया है कि ध्यान भटकाने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को विदेश भेजा जा रहा है लेकिन लगता है कि इस बार कांग्रेस के घोर-मोदी विरोधियों ने भी देश के मुद्दे पर पार्टी के लिए सियासत की लक्ष्मण रेखा खींच दी है।* 🕉️🌞🔥🔱🐚🔔🌷

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