अखण्ड सनातन समिति🚩🇮🇳
अखण्ड सनातन समिति🚩🇮🇳
June 9, 2025 at 08:15 AM
*"अखिल विश्व अखण्ड सनातन सेवा फाउंडेशन"*(पंजीकृत) *द्वारा संचालित* *अखण्ड सनातन समिति🚩🇮🇳* *क्रमांक~ ०९* *_कनाडा के प्रधानमंत्री की मीडिया को दो टूक, सबके सामने भारत की तारीफ कर दिया बता, क्यों भेजा G7 के लिए पीएम मोदी को निमंत्रण..._* https://www.google.com/amp/s/www.amarujala.com/amp/world/canada-g7-summit-pm-modi-invited-by-mark-carney-know-history-g8-india-influence-us-france-germany-italy-japan-2025-06-07 *G7 शिखर सम्मेलन में भारत की मौजूदगी सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं होती है। फ्रांस , ब्रिटेन, इटली कई बार भारत को इसका हिस्सा बनाने की वकालत कर चुके हैं। भारत का इसमें शामिल होने के रणनीतिक महत्व भी होते हैं।* *अमेरिका से संबंधों में आई तल्खी के बाद कनाडा के लिए भारत से संबंध खराब करना आसान फैसला नहीं था।* *कनाडा के कट्टर खालिस्तानी समर्थकों ने प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की धमकी दी है।* *भारत, दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।* *भारत ग्लोबल सप्लाई चेन, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा और इंडो-पैसिफिक में शांति के मुद्दों पर उसकी भूमिका अब निर्णायक हो चुकी है।* *भारत को आमंत्रित करना सिर्फ कनाडा की तरफ से रिश्तों को सामान्य करने का संकेत नहीं है, बल्कि G7 देशों की जरूरत भी बन चुका है।* *मार्क कार्नी पर भारत को आमंत्रित करने का प्रेशर अन्य जी7 सदस्य देशों की तरफ से होगा।* *कनाडा ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 15 से 17 जून तक होने वाले जी सेवेन शिखर सम्मेलन के लिए निमंत्रण भेजा है। यह यात्रा 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद हो रही है और इसमें प्रधानमंत्री मोदी की दुनिया के सात प्रमुख देशों के नेताओं से मुलाकात होगी, जहां वह 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में जानकारी देंगे और पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करेंगे।* *■ कनाडा ने प्रधानमंत्री मोदी जी7 शिखर सम्मेलन का न्योता भेजकर भारत और कनाडा के खराब हो चुके संबंधों को फिर से सही करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है।* *■ भारत को जी7 का न्योता भेजकर मार्क कार्नी ने जस्टिन ट्रूडो के ऐतिहासिक गलती को सुधारने की तरफ कदम बढ़ाया है।* *■ जी7 शिखर सम्मेसन 15 से 17 जून के बीच कनाडा के अल्बर्टा के कनानास्किस में होने जा रहा है।* *■ कनाडा में खालिस्तान समर्थक खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए प्रधानमंत्री मोदी के कनाडा दौरे का विरोध कर रहे हैं। कनाडा पर सालों से खालिस्तानी तत्वों को समर्थन देने के आरोप लगते रहे हैं।* *■ मार्क कार्नी से प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर न्योता देने से एक तबका खुश नहीं है। कुछ पत्रकारों ने प्रधानमंत्री कार्नी से प्रेस कॉन्फ्रेंस में बहस तक करने की कोशिश की। मार्क कार्नी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में निज्जर हत्याकांड की जांच कानूनी एजेंसियों के हाथ में होने की बात कहते हुए कहा कि भारत के साथ कारोबारी रिश्ते और द्विपक्षीय संबंधों पर बात हुई है।* *■ ट्रूडो की नीति से एकदम अलग हटते हुए कार्नी ने जोर दिया कि जांच चल रही है और वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे। यानि मार्क कार्नी खालिस्तान मुद्दो को भारत और कनाडा के बीच रिश्ते को खराब करने के लिए नहीं लाना चाहते हैं, जैसा की पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो किया करते थे। लेकिन इसके अलावा भी कनाडा की अर्थव्यवस्था को हर हाल में भारत का साथ चाहिए और ट्रंप के तलवार ने कनाडा को आर्थिक अपंंग बनाने का रास्ता खोल दिया है।* *■ कनाडा में नेतृत्व परिवर्तन होने के बाद, जब से मार्क कार्नी ने प्रधानमंत्री पद संभाला है, तो उनकी विदेश नीति की प्राथमिकताओं में भारत को लेकर स्पष्ट बदलाव दिखा है।* *■ कार्नी ने प्रधानमंत्री मोदी को G7 शिखर सम्मेलन के लिए खुद फोन कर न्योता दिया, जिससे साफ जाहिर होता है कि उनकी सरकार ये संदेश देना चाहती है कि भारत, जो आज वैश्विक भू-राजनीतिक मंच पर इतनी अहमियत रखता है कि उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उनका बयान ही इस बात का संकेत है कि कार्नी, ट्रूडो की खालिस्तान समर्थक नीति से दूरी बना रहे हैं।* *ट्रूडो के कार्यकाल में कनाडा की विदेश नीति घरेलू अल्पसंख्यक सिख राजनीति के दबाव में आकर गढ़ी जा रही थी। लेकिन कार्नी ने उस लाइन से हटकर राष्ट्रीय हित और वैश्विक कूटनीति को प्राथमिकता दी है। यह बदलाव सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, बल्कि खुद कनाडा के लिए भी जरूरी था, जो अब तक एक कट्टरपंथी लॉबी के एजेंडे में फंस चुका था।* 🕉️🌞🔥🔱🐚🔔🌷

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