
अखण्ड सनातन समिति🚩🇮🇳
June 12, 2025 at 03:53 AM
*"अखिल विश्व अखण्ड सनातन सेवा फाउंडेशन"*(पंजीकृत) *द्वारा संचालित*
*अखण्ड सनातन समिति🚩🇮🇳*
*क्रमांक~ ०४*
*_शत–शत नमन/ 12जून/ जन्म दिवस/ मूर्तिदेवी पुरस्कार के पहले प्राप्तकर्ता कन्नड़ लेखक, नाटककार, निर्देशक और कार्यकर्ता सीके नागराज राव..._*
https://www.thetalentedindian.com/c-k-nagaraja-rao-the-first-recipient-of-the-moortidevi-award/
*1977 में, 12वीं सदी के कर्नाटक के होयसला राजवंश की रानी शांतला देवी के बारे में चार खंडों में एक स्मारकीय उपन्यास प्रकाशित हुआ। कन्नड़ कृति सीके नागराज राव द्वारा लिखी गई थी, जिसका शीर्षक था "पट्टमहादेवी शांतलादेवी"। इसने उन्हें 1978 में कर्नाटक साहित्य अकादमी द्वारा 'सर्वश्रेष्ठ रचनात्मक साहित्यिक कृति' पुरस्कार दिलाया। और बाद में, वे इस महान कृति के लिए वर्ष 1983 में मूर्तिदेवी पुरस्कार के पहले प्राप्तकर्ता भी बने।*
*सीके नागराज राव का जन्म 12 जून, 1915 को कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के चल्लकेरे में हुआ था। उन्होंने एक छोटी कहानी लिखी थी, जिसके लिए उन्हें स्कूल प्रतियोगिता में पुरस्कार मिला था और यह उनके साहित्यिक करियर की शुरुआत थी। और वे अपनी सक्रियता की भावना का श्रेय अपने चाचा और महात्मा गांधी के साथ उनकी बातचीत को देते हैं, जब वे बैंगलोर के पास नंदी हिल्स की यात्रा पर उनसे मिलने गए थे। वे अपने चाचा, न्यायमूर्ति नित्तूर श्रीनिवास राव के भी बहुत करीब थे, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भागीदार थे और 1961 में कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे।*
*नागराज राव की कर्नाटक की विरासत और इतिहास में गहरी रुचि थी, लेकिन कन्नड़ साहित्य परिषद के सचिव बनने के बाद उनकी रुचि और भी बढ़ गई। इससे उन्हें उस समय के कई प्रमुख लेखकों के साथ बातचीत करने और काम करने का मौका मिला। राव के लेखन की शुरुआत शोध से हुई। उन्होंने राज्य के इतिहास और विरासत पर गहन शोध करते हुए कई शोध पत्र और शोध कार्य प्रकाशित किए। यह शोध ही था जिसने उन्हें पट्टामहादेवी शांतलदेवी नामक अपनी उत्कृष्ट कृति लिखने के लिए प्रेरित किया।*
*नागराज राव ने कई नाटक लिखे और निर्देशित भी किए। उन्होंने बैंगलोर में यूनाइटेड आर्टिस्ट्स नाम से अपना खुद का समूह बनाया और मंच के लिए मेकअप की अपनी खुद की शैली भी बनाई। उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो, बैंगलोर के साथ मिलकर रेडियो नाटकों में अभिनय और निर्माण भी किया।*
*सीके नागराज राव ने बहुत समृद्ध कार्य किया, जो उन विचारों से प्रेरित था जिन पर वे विश्वास करते थे। उनका शोध और लेखन कर्नाटक की संस्कृति, इतिहास और विरासत के प्रति उनके अपने मूल्य का मूर्त रूप था।*
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