
UN Hindi (संयुक्त राष्ट्र)
June 12, 2025 at 01:58 PM
दुनिया के कई कोनों में आज भी करोड़ों बच्चे ऐसे हैं जो सुबह की पहली किरण के साथ उठ तो जाते हैं, मगर स्कूलों में पढ़ने-लिखने के लिए नहीं, बल्कि खेतों, कारखानों और बाज़ारों में काम पर जाने के लिए.
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के एक नए अध्ययन के अनुसार, 2024 में 13.8 करोड़ बच्चे बाल श्रम का शिकार थे.
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