
Sanatan Kahaniya (Daily Story, कहानी, Kahani )
June 13, 2025 at 01:57 AM
. गुरु का आदेश न मानने का परिणाम
एक सेवक ने अपने गुरू को विनती की, जी मैं सत्संग भी सुनता हूँ, सेवा भी करता हूँ, मग़र फिर भी मुझे कोई फल नहीं मिला।
गुरु ने प्यार से पूछा, बेटा तुम्हे क्या चाहिए ?
सेवक बोला
मैं तो बहुत ही ग़रीब हूँ दाता।
गुरु ने हँस कर पूछा, बेटा तुम्हें कितने पैसों की ज़रूरत है ?
सेवक ने विनती की, आप, बस इतना दे दो, कि सिर पर छत हो, समाज में पत(इज्जत) हो
गुरु ने पूछा और ज़्यादा की भूख तो नहीं है न बेटा ?
सेवक हाथ जोड़ के बोला नहीं जी, बस इतना ही बहुत है ।
गुरु ने उसे चार मोमबत्तियां दीं और कहा मोमबत्ती जला के पूरब दिशा में जाओ, जहाँ ये बुझ जाये, वहाँ खुदाई करके खूब सारा धन निकाल लेना।
अगर कोई इच्छा बाकी हो तो दूसरी मोमबत्ती जला कर पश्चिम में जाना।
और चाहिए तो उत्तर दिशा में जाना,
लेकिन सावधान, दक्षिण दिशा में कभी मत जाना, वर्ना बहुत भारी मुसीबत में फँस जाओगे ।
सेवक बहुत खुश हो कर चल पड़ा।
जहाँ मोमबत्ती बुझ गई, वहाँ खोदा, तो सोने का भरा हुआ घड़ा मिला।
बहुत खुश हुआ और गुरु का शुक्राना करने लगा
थोड़ी देर बाद, सोचा, थोड़ा और धन माल मिल जाये, फिर आराम से घर जा कर ऐश करूँगा
मोमबत्ती जलाई पश्चिम की ओर चल पड़ा हीरे मोती मिल गये ।
खुशी बहुत बढ़ गई, मग़र मन की भूख भी बढ़ गई ।
तीसरी मोमबत्ती जलाई और उत्तर दिशा में चला वहाँ से भी बेशुमार धन मिल गया।
सोचने लगा के चौथी मोमबत्ती और दक्षिण दिशा के लिये गुरू ने मना किया था,
सोचा, शायद वहाँ से भी क़ोई अनमोल चीज़ मिलेगी ।
मोमबत्ती जलाई और चला दक्षिण दिशा की ओर, जैसे ही मोमबत्ती बुझी वो जल्दी से ख़ुदाई करने लगा
खुदाई की तो एक दरवाजा दिखाई दिया, दरवाजा खोल के अंदर चला गया
अंदर एक और दरवाजा दिखाई दिया उसे खोल के अन्दर चला गया।
अँधेरे कमरे में उसने देखा, एक आदमी चक्की चला रहा है ।
सेवक ने पूछा भाई तुम कौन हो ?
चक्की चलाने वाला बहुत खुश हो कर बोला, ओह ! आप आ गये ?
यह कह कर उसने वो चक्की गुरू के सेवक के आगे कर दी
सेवक कुछ समझ नहीं पाया,
सेवक चक्की चलाने लगा,
सेवक ने पूछा भाई तुम कहाँ जा रहे हो ?
अपनी चक्की सम्भालो,
आदमी ने केहा,
मैने भी अपने गुरु का आदेश नहीं माना था, और लालच के मारे यहाँ फँस गया था, बहुत रोया, गिड़गिड़ाया, तब मेरे गुरु ने मुझे दर्शन दिये और कहा था, बेटा जब कोई तुमसे भी बड़ा लालची यहाँ आयेगा, तभी तुम्हारी जान छूटेगी
आज तुमने भी अपने गुरु का आदेश नहीं माना, अब भुगतो ।
सेवक बहुत शर्मसार हुआ और रोते रोते चक्की चलाने लगा
वो आज भी इंतज़ार कर रहा है, कि कोई उससे भी बड़ा लालची, पैसे का भूखा आयेगा, तभी उसकी मुक्ति होगी।
इस सन्देश को पढ़ कर यदि हम दस मिनट भी भगवान का सुमिरन कर लिया, तो हमारी सेवा सफल होगी जी 🙏🏻
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