
Shabd_sanchay
May 29, 2025 at 07:56 AM
हमारे इस हिंदी पृष्ठ ने 100+ साथियों का स्नेह प्राप्त किया है।
यह संख्या नहीं, विश्वास है हमारी लेखनी पर, हमारी भावना पर।
*मेहनत की स्याही से जब जज़्बातों को मोड़ा है,*
*तभी तो हर लफ़्ज़ ने मुक़द्दर का दरवाज़ा खोला है।*
हृदय से आभार उन सभी का, जो इस यात्रा के सहभागी बने।
~शब्द संचय
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