दैनिक सुविचार 🌺🏵️😊🙋♂️
May 21, 2025 at 01:35 AM
21.5.2025
प्रत्येक व्यक्ति अपना जीवन सुखमय एवं सफल बनाना चाहता है। परंतु स्वार्थ एवं अविद्या के कारण वह दूसरों के साथ अनेक प्रकार के दुर्व्यवहार तथा अन्यायपूर्ण व्यवहार करता रहता है। इसका परिणाम यह होता है, कि *"उसके जीवन में चिंताएं तनाव भय आशंकाएं इत्यादि उत्पन्न करके ईश्वर तत्काल उसे दंड देता है।" "ईश्वर की इस न्याय व्यवस्था को न समझने के कारण, तथा अपनी मूर्खता और स्वार्थ के कारण व्यक्ति दूसरों पर अपना अन्याय जारी रखता है, और जीवन भर दुखी चिंतित एवं परेशान रहता है।"*
*"यदि वह ईश्वर की न्याय व्यवस्था को समझकर दूसरों के साथ सभ्यतापूर्वक न्यायपूर्वक उत्तम व्यवहार करे, तो उसका जीवन सुखमय एवं सफल हो सकता है।"*
अतः ईश्वर की न्याय व्यवस्था को समझने का प्रयास करें। संसार में लाखों प्रकार के जो जीव जंतु दिखाई देते हैं, यही ईश्वर का न्याय है। *"जो लोग बुरे काम करते हैं, दूसरों को अन्यायपूर्वक दुख देते रहते हैं, वही लोग अगले जन्मों में पशु पक्षी वृक्ष वनस्पति आदि लाखों योनियों में दंड भोगते हैं।"*
*"और जो ईश्वर के संविधान का पालन करते हुए सबके साथ न्यायपूर्वक उत्तम व्यवहार करते हैं, वे इस जीवन में भी सुखी रहते हैं, और अगले जन्मों में भी उत्तम मनुष्य जन्म पाकर सदा सुखी होते हैं।"*
---- *"स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक, निदेशक - दर्शन योग महाविद्यालय, रोजड़, गुजरात."*
🙏
❤️
👍
43