दैनिक सुविचार 🌺🏵️😊🙋‍♂️
May 23, 2025 at 12:58 AM
23.5.2025 हर रोज सुबह-सुबह लोग भगवान से प्रार्थना करते हैं, कुछ न कुछ मांगते हैं। *"हे भगवान हमें पुत्र दीजिए। हमारा परिवार अच्छा हो। हमें सोना चांदी मोटर गाड़ी धन संपत्ति सुख समृद्धि सब कुछ दीजिए।"* ठीक है। जीवन चलाने के लिए ये सब वस्तुएं भी आवश्यक हैं, मांगनी चाहिएं। इससे हमारा कोई विरोध नहीं है। परंतु इन सब वस्तुओं के साथ-साथ सबसे महत्वपूर्ण प्रार्थना यह होनी चाहिए, कि *"हे भगवान हमको सद्बुद्धि दीजिए। जिससे कि हम दूसरों के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार कर सकें।"* *"क्योंकि जब व्यक्ति न्यायपूर्ण व्यवहार करता है, तब उसको जो सुख शांति आनंद प्रसन्नता संतोष आदि मिलता है, वह और किसी भी प्रकार से नहीं मिलता। यदि किसी व्यक्ति के पास खूब धन संपत्ति हो, और जीवन में शांति संतोष आनंद प्रसन्नता न हो, वह तनाव से युक्त हो, तो वह भौतिक संपत्ति भी उसे कोई विशेष सुख नहीं दे सकती।"* *"यदि किसी के जीवन में सुख शांति आनंद संतोष मानसिक प्रसन्नता हो, वह व्यक्ति तनाव से मुक्त हो, तो उसे फिर और मांगने को क्या बच गया? कुछ नहीं। उसे तो थोड़े से भौतिक साधन भी बहुत सुख देते हैं।"* अतः ईश्वर से यह मांगें, कि *"हे भगवान हमको तो बस यही वरदान दीजिए, कि हम सद्बुद्धिपूर्वक सबके साथ न्यायपूर्ण व्यवहार कर सकें." "यदि हम इतना करने में समर्थ हो जाएंगे, तो हम तनाव से मुक्त हो कर, पूरी तरह से सुखी संपन्न और संतुष्ट होकर जी सकेंगे।"* ---- *"स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक, निदेशक - दर्शन योग महाविद्यालय, रोजड़, गुजरात."*
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