
"Message Of Islam'' ,Quran or Hadees,
May 28, 2025 at 01:01 AM
अशरा-ए-ज़िल-हिज्जा में बाल और नाखून का हुक्म
हज़रत उम्मे सलमा (रज़ि.) फरमाती हैं कि रसूल अल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया:
"जब तुम ज़िल-हिज्जा का चाँद देखो और तुम में से कोई क़ुर्बानी का इरादा रखता हो, तो वह अपने जिस्म के किसी हिस्से के बाल और नाखून न काटे।"
(सही मुस्लिम, किताबुल ईदैन)
🔹 बाल-नाखून काटने का हुक्म सिर्फ क़ुर्बानी देने वाले के लिए है।
🔹 यह सुन्नत है, फर्ज़ या वाजिब नहीं। इसलिए अगर कोई इसका पालन न कर सके तो कोई गुनाह नहीं होगा।
🔹 औरतों के लिए भी यही हुक्म है।
🔹 अगर ज़रूरत (साफ-सफाई आदि) हो और बाल या नाखून को काटने की नौबत आ जाए तो इसमें कोई गुनाह नहीं, सफाई ज़रूरी है।
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