"Message Of Islam'' ,Quran or Hadees,
June 2, 2025 at 01:29 AM
*तकबीरात ए तश्तरीक का हुक्म*
तकबीरात ए तश्तरीक का हुक्म यह है कि 9 जिलहिज्जा की फज्र की नमाज़ से लेकर
13 जिलहिज्जा की असर की नमाज़ तक (23 नमाज़ों में ) हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद मर्दों के लिए बुलंद आवाज से और औरतों के लिए आहिस्ता आवाज से एक बार तकबीर पढ़ना वाजिब है,
*तकबीर ए तश्तरीक ये है* 👇🏼
*اللهُ أَكْبَرُ اللهُ أَكْبَرُ لَا إِلَهَ إِلَّا اللهُ وَاللهُ أَكْبَرُ اللَّهُ أَكْبَرُ وَلِلہ الْحَمْدُ*
जो शख़्स जानबूझकर इन तक्बीरों को छोड़ देगा तो वह गुनाहगार होगा।
अगर कोई इंसान सलाम के बाद तक्बीर कहना भूल जाए और नमाज़ के खिलाफ़ कोई काम करने से पहले उसे याद ना आय तो भूलने का कोई दोष नहीं है।
अलबत्ता इसतगफार फ़िर भी कर लेना चाहिए,,
मसअला == फ़र्ज़ नमाज़ का सलाम फेरते ही ईस तकबीर को पढ़ा जाय अगर इमाम साहब पढ़ना भूल जाएं तो मुक्तादि शुरू करदें ताके इमाम साहब को भी याद आजाय ,,
मसअला == जान बूझ कर तकबीर का छोड़ना या मर्द का जान बूझ कर आहिस्ता पढ़ना ये गुनाह की बात है,,
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