Al Quraan Roohani Idara
Al Quraan Roohani Idara
June 13, 2025 at 12:29 PM
*रूह और जिस्म की मिसाल :-* हज़रते सय्यिदुना अब्दुल्लाह बिन अब्बास رضى الله تعالیٰ عنه फ़रमाते हैं क़ियामत के दिन लोगों में झगड़ा होता रहेगा हत्ता कि रूह और जिस्म भी झगड़ेंगे रूह जिस्म से कहेगी येह तू ने किया है जिस्म कहेगा तू ने ही हुक्म दिया था और तुझ से ही पूछा जाएगा पस अल्लाह عزوجل उन में फैसला करवाने के लिये एक फ़िरिश्ते को भेजेगा, वोह रूह व जिस्म से कहेगा तुम्हारी मिसाल उस अन्धे और आंखों वाले लंगड़े की तरह है जो एक बाग में दाखिल होते हैं तो आंखों वाला लंगड़ा अन्धे से कहता है यहां मुझे फल नज़र आ रहे हैं मगर उन तक पहुंच नहीं सकता अन्धा कहता है मुझ पर सुवार हो जा चुनान्चे, वोह अन्धे पर सुवार हो कर फल तोड़ता है और दोनों खाते हैं अब तुम बताओ जुर्म किस का है ? वोह कहते हैं दोनों का फ़िरिश्ता कहता है तुम ने खुद अपने खिलाफ फैसला कर दिया है या'नी रूह सुवारी की तरह है और जिस्म उस का सुवार है। *रूह और जिस्म का झगड़ा :-* इस जैसी एक हदीसे पाक हज़रते सय्यिदुना अनस رضى الله تعالیٰ عنه से मरफूअन रिवायत है कि रूह और जिस्म क़ियामत के दिन झगड़ा करेंगे, जिस्म रूह से कहेगा अगर तू न होती तो मैं तो कटे हुवे तने की मानिन्द पड़ा था न हाथ हिला सकता था न पैर रूह कहेगी मैं तो एक हवा थी अगर जिस्म न होता तो मैं कुछ भी नहीं कर सकती थी। रूह और जिस्म के लिये अंखयारे लंगड़े और नाबीना की मिसाल दी गई कि अंखयारे लंगड़े ने अपनी बीनाई से उसे रास्ता दिखाया और नाबीना ने उसे अपनी टांगों की मदद से ऊपर उठाया। अन्धा और लंगड़ा इसी जैसी एक रिवायत हज़रते सय्यिदुना सलमान फ़ारिसी رضى الله تعالیٰ عنه से भी मरवी है कि दिल और जिस्म की मिसाल अन्धे और लंगड़े की सी है लंगड़े ने अन्धे से कहा मैं फल देख रहा हूं मगर खड़ा नहीं हो सकता कि उन तक पहुंचूं लिहाज़ा तू मुझे उठा ले चुनान्चे, अन्धे ने उसे उठा लिया और उस ने फल तोड़ कर खाए और खिलाए। येह इस बात की ताईद करता है कि दिल ही रूह के ठहरने की जगह है अल्लाह ही बेहतर जानता है और उसी की तरफ़ लौट कर जाना है। *❍↬ बा-हवाला ↫❍* *📬 किताब :- शर्हुस्सुदूर (मुतर्जम) सफ़ह - 556 📚*
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