राजस्थान सरकार के अधिकारी,कर्मचारी,पेंशनर हेतु चैनल।
राजस्थान सरकार के अधिकारी,कर्मचारी,पेंशनर हेतु चैनल।
June 1, 2025 at 09:34 AM
घर बैठे या कार्यस्थल से ही क्रांति लाने वाले ध्यान दे:- सभी संगठन सदस्य कर्मचारियों/अधिकारियों से ही बनते हैं।उन में से ही कुछ उस संगठन की सबसे छोटी शाखा से लेकर राष्ट्रीय/प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी तक बनते हैं। इन पदाधिकारियों को संगठन के विभिन्न कार्यों के लिए कोई मानदेय/वेतन/पारिश्रमिक नहीं मिलता है।सरकार इनको संगठन के कार्यों हेतु नियत कार्य समय में कोई भी छूट नहीं देती है,इनको अतिरिक्त आकस्मिक अवकाश और/या अन्य अवकाश भी नहीं दिए जाते हैं।इसलिए इनको संगठन के कार्यों हेतु अपने अवकाश के खाते में से ही देय अवकाश ही लेने पड़ते हैं।कुछ कम सदस्य संख्या वाले संगठन को सदस्यता शुल्क की बहुत कम राशि ही मिलने के कारण से इनके पदाधिकारियों को तो अधिकांश खर्च भी अपनी आय में से ही करने पड़ते हैं। इन सबकी पारिवारिक जिम्मेदारियां भी एक आम सदस्य की सी ही होती हैं। केवल Social Media Apps के द्वारा या उन पर संचालित ग्रुप्स में पोस्ट्स और/टिप्पणियां कर कर के,SMS,MMS,E.Mail,प्रार्थना पत्रों,पत्रों को भेज भेज कर,दूरभाष से विभिन्न मांगें करने वाले तथाकथित क्रांतिकारी कर्मचारी/अधिकारी मांग करते रहते हैं कि संगठन कोई बङा आंदोलन करे हम उसमें सहयोग देंगे।लेकिन जब संगठन आंदोलन करता है तब उनमें से अधिकतर संगठन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उसके कार्यक्रमों में भाग लेने हेतु नहीं आते हैं।यहां तक कि उनके अपने कार्यालयों के सामने मध्याह्न अवकाश में आयोजित कार्यक्रमों में भी वे शामिल नहीं होते हैं। वे विरोध में काली पट्टी नहीं बांधते हैं, वे पोस्ट कार्ड लिखने के कार्यक्रम हेतु पोस्ट कार्ड नहीं लिखते हैं,वे सामूहिक ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी नहीं करते हैं। वे प्रदर्शनों में भाग नहीं लेते हैं,वे कलमबंद और/या कार्य बहिष्कार में शामिल भी नहीं होते हैं। ऐसे सभी लोग भविष्य में क्रांति लाने की कोशिश बिल्कुल ना करें।
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