'अपनी माटी' पत्रिका
'अपनी माटी' पत्रिका
May 15, 2025 at 12:07 PM
यह लेख वेब सीरीज ‘मर्डर इन माहिम’का आलोचनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत करता है, जो समाज में समलैंगिकता के प्रति विद्यमान गहरे पूर्वाग्रह और अस्वीकृति को उजागर करता है। सीरीज ने पात्रों के जटिल मानसिक संघर्षों और उनके व्यक्तिगत तथा सामाजिक जीवन के विविध आयामों को प्रभावी ढंग से चित्रित किया है। हालाँकि यह एक मर्डर मिस्ट्री है, परंतु इसका असल उद्देश्य समाज में व्याप्त भेदभाव और संस्थागत दमन—खासकर पुलिस व्यवस्था के स्तर पर—की कठोर आलोचना करता है। सीरीज के दृश्य समलैंगिक उप-संस्कृति की छिपी हुई दुनिया को सबके सम्मुख प्रस्तुत करते हैं, जो यह बताता है कि समाज अभी भी समलैंगिक पहचान को क्यों मुख्यधारा में स्थान देने में विफल रहा है। ‘मर्डर इन माहिम’केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि एक गंभीर सामाजिक आलोचना है, जो समलैंगिकता के प्रति समाज की मानसिकता को चुनौती देती है और उसे बदलने का आह्वान करती है। *शोध आलेख : ‘मर्डर इन माहिम’ : समलैंगिक संबंधों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण / अनुपम भारती* [ लिंक 👉 https://www.apnimaati.com/2024/12/blog-post_104.html ]
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