
'अपनी माटी' पत्रिका
June 12, 2025 at 11:32 AM
‘सूरज का सातवाँ घोड़ा’ धर्मवीर भारती द्वारा लिखित प्रयोगशील हिंदी उपन्यास है, जिसका प्रकाशन सन् 1952 में हुआ था। यह एक लघु उपन्यास है, जिसमें उपन्यासकार ने शिल्पगत नये प्रयोग से हिंदी उपन्यासों में विशिष्ट स्थान बना लिया है। इस प्रयोगधर्मी उपन्यास को ‘सूरज का सातवाँ घोड़ा’ इस शीर्षक से सफल रूप में फिल्मांतरित करने का कार्य फिल्म-निर्देशक श्याम बेनेगल ने किया है। सन् 1993 ई में प्रदर्शित इस फिल्म के फिल्मकार श्याम बेनेगल भारतीय सिनेमा के शीर्षस्थ फिल्म निर्देशक हैं, जिन्होंने हिंदी सिनेमा को न केवल कला सिनेमा का दर्जा दिया, बल्कि भारतीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुँचाया | आप की ‘सूरज का सातवाँ घोडा’, ‘चरनदास चोर’, ‘भारत एक खोज’, ‘जुनून’ आदि हिंदी फ़िल्में साहित्य का उत्कृष्ट फिल्मांतरण रही हैं| आप को उत्कृष्ट फिल्मकार और आपकी –‘अंकुर’ 1976 (बर्लिन फिल्म फेस्टिवल) , ‘निशांत’1976 (कान फिल्म फेस्टिवल), ‘भूमिका’1978, ‘जुनून’1979, ‘आरोहन’1983, ‘सूरज का सातवाँ घोडा’1993 शिकागो फिल्म फेस्टिवल, ‘कलयुग’1981 मोस्को फिल्म फेस्टिवल आदि - फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है| साथ ही आप की कतिपय फिल्मों को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार तथा फिल्म फेयर पुरस्कारों के द्वारा राष्ट्रीय स्तर भी पर नवाजा गया है| आप ने ‘समानांतर सिनेमा आंदोलन’ के दौर में सामाजिक यथार्थ को अभिव्यक्त करनेवाली कला फिल्मों के द्वारा न केवल विशुद्ध हिंदी सिनेमा का निर्माण किया, बल्कि अपनी फिल्मों के द्वारा भारतीय सिने-दर्शकों की अभिरुचि का परिष्कार भी किया|
शोध सार : ‘सूरज का सातवाँ घोड़ा’ का फिल्मांतरण और श्याम बेनेगल / गोकुल क्षीरसागर
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