Devender Kadyan
June 11, 2025 at 05:16 AM
'बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।'
दोहों के माध्यम से समाज को जागरूक करने वाले, पाखंड और भेदभाव के विरुद्ध आवाज़ उठाने वाले महान संत, समाज सुधारक और कवि कबीर दास जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।
उनकी वाणी आज भी हमें सत्य और प्रेम का मार्ग दिखाती है।

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