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June 13, 2025 at 07:00 AM
*अहमदाबाद फ्लाइट क्रैश – सिर्फ एक हादसा नहीं, टूटते सपनों का मूक चीत्कार !* आज की सुबह एक ऐसी खबर के साथ आई, जिसने दिल को झकझोर कर रख दिया ! अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट टेक-ऑफ के ठीक 2 मिनट 26 सेकंड के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई ! *दो मिनट 26 सेकंड...* इतना ही समय था उस सपने के बीच, जो यात्रियों ने अपनी आंखों में संजोए रखा था और उस हकीकत के बीच जो राख बनकर ज़मीन पर गिर गई ! जब विमान उड़ा, उस वक़्त लंदन में सुर्य उदय का समय था ! वहां के परिवार अभी अपने बिस्तरों पर थे, अनजान इस बात से कि उनका अपनों से यह अंतिम संवाद होगा ! यात्रियों ने शायद अभी सीट बेल्ट ही बांधी थी, कुछ सेल्फी ले रहे होंगे, कोई चाय की चुस्की के इंतज़ार में होगा, कोई अपने बच्चों को थामे मुस्कुरा रहा होगा ! 👶 दो नवजात बच्चें…‌मां भारत आई होगी प्रसव के लिए, और अब पति के पास लौट रही होगी ! वे बच्चे, जिन्होंने अभी ठीक से आंखें भी नहीं खोली थीं, जिन्हें जीवन की परिभाषा तक नहीं मालूम थी ! वे भी इस अग्नि में समा गए ! क्या उनके पिता उस पार इंतजार कर रहे होंगे ? क्या उन्होंने ये कल्पना भी की होगी कि वे अपने बच्चों को इस रूप में कभी नहीं देख पाएंगे ? *एक लाख लीटर ईंधन… और एक सजीव बम !* जब एक छोटा पटाखा भी हाथ जला देता है, तो एक लाख लीटर फ्यूल से भरें विमान की तबाही की कल्पना ही दिल दहला देती है ! किसी को समझ नहीं आया होगा कि अगला क्षण उनका अंतिम है ! 🏡 और वो ज़मीन... वो इलाका... वो हॉस्टल ! जहां यह विमान गिरा, वह डॉक्टरों का हॉस्टल था ! युवा डॉक्टर, जो वर्षों की तपस्या के बाद अब सेवा के लिए तत्पर थे ! ये खाना खाने की तैयारी कर रहे होंगे, कोई ड्यूटी के लिए निकल रहा होगा और फिर अचानक, एक आग का गोला उन पर आ गिरा ! क्या कभी उन्होंने सोचा था, कि अस्पताल में नहीं, बल्कि हॉस्टल में ही उनकी मृत्यु आएगी ? 👨‍👩‍👧‍👦 पटेल परिवार — 10 से 15 लोग एक साथ ! पूरा परिवार, एक ही विमान में !शायद किसी शादी से लौट रहे थे, या लंदन में नए जीवन के लिए जा रहे थे ! बच्चों की चोटी बनाई गई होगी, साड़ी की पल्लू संभाली गई होगी, नमकीन के डिब्बे पैक किए गए होंगे और अब वे सब, एक दर्दनाक याद बन चुके हैं ! 🏛️ *गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री — श्री विजय रूपाणी जी !* जिन्होंने वर्षों तक जनसेवा की, गुजरात का नाम रोशन किया ! वे भी उसी विमान में थे ! क्या वह एक राजकीय दौरा था ? या एक सामाजिक मिशन ? या बिटिया को मिलने के लिए ? कोई जान न सका ! क्योंकि नियति ने उनके शब्दों को अधूरा छोड़ दिया ! *अब सवाल यह है कि हम कहां सुरक्षित हैं ?* क्या मृत्यु अब केवल युद्ध में या बीमारियों में नहीं, बल्कि अपने घर में भी दस्तक दे सकती है ? जो लोग कह रहे थे कि *हम बाहर नहीं जाएंगे, सुरक्षित रहेंगे !* क्या अब उन्हें भी यह विश्वास रह गया है ? क्या यह सब किसी सामूहिक कर्मफल का परिणाम है ? या केवल क्रूर संयोग ? हम न दोषी ढूंढ़ पा रहे हैं, न जवाब ! केवल आंसू हैं, जो एक के बाद एक टपकते जा रहे हैं ! 🕊️ *श्रद्धांजली और एक प्रार्थना !* *हम उन सभी निर्दोष आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं !* *जो विमान में थे !* *जो ज़मीन पर थे !* *जो केवल अपनी ड्यूटी या विश्राम में लगे थे !* *हे प्रभु ! जो घायल हैं, उन्हें शीघ्र आरोग्य दें !* *जो दिवंगत हो चुके हैं, उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें !* *और हमें यह शक्ति दें, कि हम जीवन की इस नश्वरता को समझकर, हर क्षण को प्रेम, कर्तव्य और सच्चाई से भर सकें !* 🙏🙏🙏🙏🙏 *प्लेन क्रैश में समस्त दिवंगत आत्मा को ईश्वर अपने श्रीं चरणों में स्थान दे और परिजनों को इस वज्रपात को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना करते हें ओम शांति ओम* *सादर:- यश ढींगरा*🙏😭🙏
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