AAP Pulse
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May 17, 2025 at 11:15 AM
इस साल दिल्ली सरकार के स्कूलों का बोर्ड परीक्षा रिजल्ट्स कैसा रहा? 2016 से 2024 तक ये ज़वाब सीबीएसई द्वारा रिजल्ट्स घोषित होने के चंद घंटों में मिल जाता था। इस बार 4 दिन बाद भी नहीं है!! यही नहीं, अगले दिन के अख़बार दिल्ली सरकार के स्कूलों के परफॉरमेंस और बच्चों को बधाई संदेश से भरे होते थे। इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ। दिल्ली की बीजेपी सरकार ने इस बार 10वीं और 12वीं के दिल्ली सरकार के स्कूलों के नतीजों को अलग से जारी नहीं किया!! आख़िर क्यों दिल्ली की बीजेपी सरकार इन आंकड़ों को जनता के सामने नहीं लाना चाहती? शायद इसलिए क्योंकि 2025 का रिजल्ट्स पिछली सरकार के टर्म का आख़िरी रिज़ल्ट है। इस रिजल्ट का जो भी क्रेडिट है वो पिछली सरकार का है। पर हाँ, 2025 का रिजल्ट बीजेपी सरकार का बेसलाइन ज़रूर है। इसे मेंटेन रखने या आगे ले जाने की ज़िम्मेदारी नई सरकार पर है। और शायद बीजेपी सरकार कॉन्फ़िडेंट नहीं है कि जो लकीर आप सरकार ने खींची है, वो उससे बड़ी लकीर खींच पाएगी। इसलिए ये खामोशी है!! बता दें कि जब केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की कमान संभाली थी तो उस साल, यानि उनके बेसलाइन साल में दिल्ली सरकार के स्कूलों का 12वीं का रिज़ल्ट क्या था: -2015 में 1.4 लाख बच्चों में से 88% पास हुए थे -2024, यानि पिछले साल, 1.51 लाख बच्चों में से 97% पास हुए थे -और 2025, अभी पता नहीं… ख़ैर, मुद्दा सिर्फ़ आंकड़ों का नहीं है, ये बीजेपी सरकार की संवेदनहीनता का मसला है। दिल्ली सरकार के लगभग एक हज़ार स्कूल हैं। इस स्कूलों में तीन लाख से ज़्यादा बच्चों ने इस बार 10वीं और 12वीं की परीक्षा दी थी। रिज़ल्ट आया, बहुत सारे बच्चे सफ़ल हुए, कुछ असफल भी हुए होंगे। क्या दिल्ली की मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री का फ़र्ज़ नहीं बनता की वो अपनी ही सरकार के स्कूलों के बच्चों के लिए दो शब्द बोल दें? या कुछ न कह कर वो दिल्ली को संदेश देना चाहते हैं कि अब 2015 से पहले की तरह फ़िर से दिल्ली सरकार के स्कूल, दिल्ली सरकार की प्राथमिकता नहीं होंगे? और दिल्ली सरकार के स्कूलों और उनमें पढ़ने वाले बच्चों के प्रति मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री का कोई भावनात्मक लगाव नहीं होगा? अपने ही बच्चों के साथ कोई ऐसा व्यवहार नहीं करता। उम्मीद है बीजेपी सरकार कम से कम बच्चों के मामले में दलगत राजनीति से ऊपर उठने की कोशिश करेगी…
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