The Urban Rishi
The Urban Rishi
May 28, 2025 at 02:58 AM
मुझे पूरी तरह समझने से पहले तुम्हें किताबों की एक लम्बी फेहरिस्त से गुज़रना चाहिए। तुम्हें पढ़नी चाहिए सबीर हका की दस कविताएँ ताकि तुम्हें इल्म हो कि मुहब्बत में मजदूर होना भी उतना ही ज़रूरी है जितना ज़रूरी है कवि होना । तुम्हें मिलना चाहिए सादिया हसन और उसकी दुनिया से क्यूंकि दंगों की आग में झोंक दिए गए प्रेमपत्र सदियों बाद भी पूरी तरह जल नहीं पाते। तुम्हें अदीब की अदालत में भी जाना चाहिए तब तुम महसूस कर पाओगे कि दुनिया में चीखते चिल्लाते मुर्दों के बीच किसी सलमा की मखमली आवाज़ के मायने क्या हैं ? और 'गुनाहों के देवता' को पढ़ते तुम्हें सोचना चाहिए कि चन्दर ने बेरहमी से सुधा की किस्मत क्यों लिक्खी जबकि वो लिख सकता था उसके लिए एक प्यारी नज़्म। अगर तुम नहीं जानते कि आधी रात को हथेली पर प्रेम लिखना ह्रदय पर प्रेम लिखने जितना ज़रूरी है कि भंडारी मन्नू का सच, दुनिया के तमाम लोगों का सच है । अगर तुम ये सब नहीं जानते, तो फिर तुम मुझे नहीं समझ सकते और हम ज़िंदगी में बहुत दूर तक साथ नहीं चल सकते तब फिर मुझे तुमसे पाश की तरह विदा लेनी होगी दोस्त... और क्यूंकि जाना हिंदी की सबसे खतरनाक क्रिया है। मैं जाते वक़्त तुम्हें दूंगी कुछ किताबें, दो खत और जॉन ऐलिया का एक शेर तुम किताबें पढ़ना, खत जला देना और याद रखना कि आख़िरी मुलाक़ात के ठीक पहले इश्क़ जाविदानी होता है इश्क़ को ज़िंदा रखने के क्रम में बहुत बार आशिक़ों को मर जाना होता है ।। 🔷 ज्योति यादव
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