हिंदू जन कल्याण मंच
May 26, 2025 at 05:29 PM
2013 को पनडुब्बी INS सिंधु रक्षक डूब गयी और उसमे हमारे 18 नौजवान नाविक डूब के शहीद हो गये।
कारण क्या था?
जिस पनडुब्बी को 2010-13 मे 80 मिलियन डॉलर के खर्चे से अपग्रेड करवाया गया था उसकी बैट्री 70 करोड़ में चेंज करनी थी l नौसेना ने तीन बार भारत सरकार से बैटरी चेंज करने को कहा लेकिन किसी ने नौसेना के पत्र पर ध्यान नहीं दिय
पैसे की कमी की वजह से समय पर नहीं हुई, सिंधु रक्षक मे धमाका हुआ और वो 18 नौजवानो की कब्रगाह बन गयी, देश विचलित हुआ मगर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
देश को शायद याद भी नहीं है l
जबकि वो बड़ा गुनाह था हमने खुद अपने सैनिकों को मारा था वहां क्योंकि पैसा नहीं था जिस सरकार की ये जिम्मेदारी थी उसको कोई फर्क नहीं पड़ा।
पूर्व रक्षा मंत्री एंथनी ने फरवरी 2014 मे साफ कहा की राफेल खरीदने की बात मत करो पैसा कहां है।
मनमोहन सिंह जी साफ कह चुके थे पैसा पेड़ो पर नहीं लगता, मतलब साफ था ऐसी कोई बात मत करो जिसमे पैसा लगता हो, पैसा नहीं है।
गिरते हुए रूपये को संभालने के लिए चिदंबरम ने दिवालिये लोगों वाला ही तरीका अपनाया, दो लाख करोड़ के विदेशी भारतीयों के डॉलर 7.50% पे डीपोजीट लेके उसको 2.50% पे अमेरिकी बॉन्ड्स मे डाल दिया।
देश को 10000 करोड़ रुपए का ब्याज के अन्तर का भार हर साल लगा दिया।
इस दो लाख करोड़ का भुगतान मोदी सरकार ने चुपचाप किया क्योंकि ख़बर बाहर जाने से भारत के रूपये पे दबाव बढ़ सकता था।
इसके अलावा ईरान से उधारी पे तेल लिया 32000 करोड़ का जिसका चुकाना भी इसी सरकार के जिम्मे आया और इस सरकार ने उसको भी किया।
ईस तरह से चारों तरफ़ से कर्जे लेकर भी सरकार पैसा नहीं हे कहती थी।
वहीं मोदी सरकार ने काम संभाला तो बैंकों की हालत इतनी खराब थी की सही हालत बाहर आने पर देश पर बहुत बड़ा संकट आ सकता था
मोदी सरकार ने बैंकों को पैसा दिया, ईरान का कर्ज़ चुकाया और आज तक प्रधान मंत्री या किसी भी मंत्री को मैंने कहते हुऐ नहीं सुना की कोई भी योजना पैसा नहीं हे इस लिए रुकी हुई हे।
जो काम सबने सोचा की कितनी भी बात करो असल मे होगा कभी नहीं और इस काम मे पैसा लगाना फालतू हे वो हे गंगा की सफाई का प्रोजेक्ट. आखि़र करोड़ो लोगों ने इस बार असम्भव को संभव होता हुआ देखा। गंगा साफ होते कुंभ मे लोगों ने अपनी आंखों से देखा और देश को बताया।
ये ना आसान था ना बिना 20-30000 करोड़ खर्च किए बिना हो सकता था इसके अलावा भी भव्य कुंभ हो रहा था और हर आदमी चकित था की इस देश मे इतना बड़ा आयोजन इतनी अच्छी तरह हो सकता है!
बोगीबील का पुल हो या उत्तर पूर्व मे रेल्वे लाइन बिछाने का काम हो या जोजिला पास के बजाए आल वेदर 9000 करोड़ रुपए की टनल हो या लद्दाख को नेशनल ग्रिड से जोड़ने का काम हो या 6 करोड़ घरों को मुफ्त मे गैस देने का काम हो या सब गरीब को मुफ्त मे घर देने का काम हो सब तीव्र गति से हो रहा है।
इसके बाद भी जैसे कुबेर का खज़ाना हाथ लग गया हो तो 12 करोड़ किसानो को 72000 करोड़ रुपए हर साल सहायता देने का काम चालू कर दिया।
दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य बीमा का 50 करोड़ लोगों की जिम्मेदारी का काम शुरू हो गया हे लाखों लोगों ने फायदा उठा लिया हे कहीं कोई गड़बड़ी या हास्पिटल को पैसा नहीं मिलने की शिकायत नहीं दिखी आज तक।
20000 से 40000 करोड़ का खर्च आएगा, पैसे की दिक्कत का नामो निशान नहीं है।
सबसे बड़ी बात की प्रोजेक्ट पे प्रोजेक्ट कंप्लीट हो रहे हैं और नए प्रोजेक्ट चालू हो रहे हैं। सब सही वक़्त पे चल रहा है मतलब सरकार के कांट्रेक्टर को भी पैसा टाईम पे मिल रहा है।
गिनती करते हुए एक के बाद एक ऐसी चीज़ आएगी जिससे लगेगा की जैसे देश को पैसे की कोई दिक्कत नहीं है S 400 डिफेंस सिस्टम, राफेल, ड्रोन, मिसाइल का कमाल तो आपसे छिपा नहीं होगा।
इस समय पर दुनिया का सबसे ज्यादा मेट्रो का काम भारत मे हो रहा है कुछ ही दिन पहले पटना मेट्रो के 13000 करोड़ के प्रोजेक्ट को हरि झंडी दी गयी। पटना मे मेट्रो होगी ये दस साल पहले कोई सोच नहीं सकता था ऐसी हालत हो गयी की रोज प्रधान मंत्री को कोसने वाले शत्रुघ्न सिन्हा को भी तारीफ करनी पड़ी।
सबसे बड़ा वित्तीय प्रबंधन तो GST मे हुआ है अब सब राज्यों का पैसा GST के माध्यम से केन्द्र की जवाबदेही है किसी भी राज्य चाहे वो ममता बनर्जी का बंगाल हो कोई शिकायत नहीं की है की उनका पैसा एक दिन भी लेट हो रहा हैं।
ये सब कैसे हो रहा हे अस्त व्यस्त रहने वाला भारत एकदम चुस्त दुरुस्त कैसे हो गया।
ऐसा इसलिए हो रहा हे क्योंकि
चोकीदार प्योर है।
मोदी है तो मुमकिन है ___
*Vijay hindustani*
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