
'अपनी माटी' पत्रिका
June 18, 2025 at 01:21 AM
वैश्विक आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा आज भी स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित है। कोविड 19 महामारी और वैश्विक स्तर पर जारी अन्य संकटों ने सतत् विकास लक्ष्य 3 की दिशा में प्रगति को बाधित किया है। बच्चों के टीकाकरण में पिछ्ले तीन दशकों में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है। एक आंकड़े के अनुसार तपेदिक और मलेरिया से होने वाली मौतों में महामारी के पहले के स्तर की तुलना में वृद्धि हुई है।[1] भारत जैसे विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश में स्वास्थ्य एवं खुशहाली के मानवीय मुद्दे एक प्रमुख समस्या के रूप में विद्यमान है। यद्यपि भारत ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। व्यक्ति के जीवन प्रत्याशा में वृद्धि हुई है, शिशु मृत्यु दर में कमी आई है लेकिन यह सुधार सभी के लिए समान स्वास्थ्य और खुशहाली में परिणित नहीं हुए हैं। विभिन्न क्षेत्रों, सामाजिक-आर्थिक समूहों, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी असमानताएं सर्वाधिक परिलक्षित होती हैं। 2022 के सतत् विकास लक्ष्य सूचकांक में भारत 163 देशों में 121 वें स्थान पर है।
[" शोध आलेख : सतत् विकास लक्ष्य 3 : चुनौतियां तथा भारत का प्रदर्शन / अजय कुमार यादव एवं सुनीता "अपनी माटी के इस आलेख को पूरा पढ़ने के लिए दिए गए लिंक पर जाएं ( अंक 57 ) ]
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