Aazad Bablu (ASP जयपुर)
Aazad Bablu (ASP जयपुर)
June 17, 2025 at 03:47 AM
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, ग्वालियर खंडपीठ में भारतीय संविधान के निर्माता, आधुनिक भारत के शिल्पकार, शोषितों-वंचितों और महिलाओं के मुक्तिदाता, ज्ञान के प्रतीक, विश्व रत्न, परम पूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की प्रतिमा स्थापित करने का अनुरोध अंबेडकरवादी अधिवक्ताओं द्वारा किया गया था। 19 मार्च 2025 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश ने इस अनुरोध को स्वीकृति प्रदान की, जो कि न्यायालय के अभिलेख में दर्ज है। बाबा साहेब की प्रतिमा स्थापना को रोकने हेतु जातिवादी तत्वों ने हर संभव प्रयास किया। इसके पश्चात, 26 मार्च 2025 को माननीय मुख्य न्यायाधीश ने एक आदेश पारित किया कि यदि कुछ अधिवक्ता इसका विरोध कर रहे हैं तो उन्हें नजरअंदाज किया जाए, और भारत के सर्वोच्च न्यायालय में स्थापित बाबा साहेब की प्रतिमा के अनुरूप कार्य पूर्ण किया जाए। माननीय उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेशों के बावजूद, ग्वालियर खंडपीठ में प्रतिमा स्थापना में हो रही बाधा न केवल न्यायालय की अवमानना है, बल्कि यह सामाजिक सौहार्द और संवैधानिक मूल्यों के विरुद्ध हिंसक मानसिकता का भी प्रमाण है। इस गंभीर स्थिति में सबसे पहले मेरे द्वारा ट्वीट (14 मई और 18 मई को) कर इस मुद्दे को उठाया गया। साथ ही, 27 मई को सर्वोच्च न्यायालय के माननीय प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति श्रद्धेय भूषण रामकृष्ण गवई जी को पत्र भी प्रेषित किया गया। इसके अतिरिक्त, 31 मई को दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन के अवसर पर 11 जून को ग्वालियर में एक बड़ी जनसभा (अंबेडकर महापंचायत) आयोजित करने की घोषणा की गई।
Image from Aazad Bablu (ASP जयपुर): मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, ग्वालियर खंडपीठ में भारतीय संविधान के निर्म...
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