PAHAL
PAHAL
May 22, 2025 at 03:38 PM
जैव-विविधता दिवस - मनहरण घनाक्षरी भिन्न-भिन्न जीव जहाँ, बसती समृद्धि वहाँ, दुनिया में मिले सदा, जीव की विविधता। जीव-जंतु या मानव, कोई लघु या दानव, पेड़-पौधे संग सदा, रहे समरसता। रक्षित करें विकास, करिए कहीं निवास, भूतल, जल, आकाश, रखिए सजगता। पोषण करे प्रकृति, अन्वेषण की संस्कृति, विनाश लाती विकृति, बने न विवशता। रचयिता:- राम किशोर पाठक प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज पटना। संपर्क - 9835232978

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