
PAHAL
May 24, 2025 at 04:11 PM
सुनो बेटियों
शस्त्र ले हाथ में अब अड़ो बेटियों।
युद्ध तुम कालिका- सी लड़ो बेटियों।।
आज तक लोग अबला समझते रहे।
बोध तुम शौर्य का अब भरो बेटियों।।
चांद कहते रहे तेज हरते रहे।
सौम्यता गान पाना तजो बेटियों।।
क्रूरता से डरो यह उचित है नहीं।
क्रूरता चूर करने बढ़ो बेटियों।।
नैन कोई दिखाए तुझे जो अगर।
आँख उसका निकाले कहो बेटियों।।
सब्र करना सतत धर्म मानी सदा।
कब्रगाहें बनाने चलो बेटियों।।
प्यार पाना सदा हक रहे हर जगह।
प्यार में मिट सको तो बचो बेटियों।।
चण्डिका रूप तेरा सभी जानते।
रौद्र भाए कभी रूप को बेटियों।।
हार मानो नहीं तुम जहाँ से कभी।
जीत का जश्न खुद से गढ़ो बेटियों।।
और उम्मीद को छोड़ दो तुम यहाँ।
सर्व सामर्थ्य में तुम रहो बेटियों।।
मंजिलें हैं कदम की निशानी बनी।
पग खुशी से बढ़ाते चलो बेटियों।।
रात कितनी भयावह रहें हों मगर।
भोर होना प्रकृति है, सुनो बेटियों।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज पटना।
संपर्क - 9835232978