PAHAL
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June 14, 2025 at 02:06 AM
अहमदाबाद विमान हादसा - दोहा छंद माह जून पच्चीस की, तिथि बारह की बात। उड़ते हीं विमान गिरा, लगा बड़ा आघात।।०१।। दो सौ सत्तर जन मरे, बचा एक हीं जान। हृदय विदारक दृश्य से, रोया हिंदुस्तान।।०२।। एक आठ थी दोपहर, उड़ान भरा विमान। नहीं मिनट भी देर की, होने में नुकसान।।०३।। छात्र चिकित्सक कर रहे, बैठ जहाँ जलपान। छात्रावास के छत पर, गिरता दिखा विमान।।०४।। पाँच चिकित्सक संग में, गए छात्र के जान। बीस हताहत वहाँ पर, करता क्या इंसान।।०५।। छत के ऊपर जब गिरा, वह बोइंग विमान। दो सौ बयालीस चढ़ें , यात्री भरे उड़ान।।०६।। देश परदेश जा रहे, संग लिए मुस्कान। दो सौ सत्तर हो चुकी, कितने लहु-लूहान।।०७।। सभी बोइंग को कहे, है मजबूत विमान। पूरी दुनिया में सदा, रहता इसकी शान।।०८।। ढूँढ रहे कारण अभी, होते सब हलकान। लौट कहाँ कोई सका, निकली जिसकी जान।।०९।। हँसते- गाते लोग थें, लिए नया अरमान। करवट पल ऐसा लिया, सबकी ले ली जान।।१०।। राज्य गुजरात में घटा, विधि का रचा विधान। मूर्ख सदा हम मानते, अपने हाथ कमान।।११।। मृतक मोक्ष को प्राप्त हो, धीरज परिजन ज्ञान। पाठक हरि वंदन करें, कृपा करो भगवान।।१२।। रचयिता:- राम किशोर पाठक प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश, पालीगंज, पटना, बिहार। संपर्क - 9835232978
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