she'r-o-suKHan
she'r-o-suKHan
June 17, 2025 at 11:33 AM
*हे कृष्ण फिर अवतार ले!* कलयुग में भी अपने धरा की तू खबर इक बार ले। हे कृष्ण फिर अवतार ले! हे कृष्ण फिर अवतार ले!  मैने सुना था पाप बढने पर सदा आता है तू जब द्रौपदी चीखे तो उसका चीर बन जाता है तू। हर ओर मरती बेटियों के चीखने का शोर है, सुनता नहीं तू क्यूँ भला जब हर जगह हर ओर है फिर कंस को वधने की खातिर हाथ मे तलवार ले। हे कृष्ण फिर अवतार ले! हे कृष्ण फिर अवतार ले!  अब हर तरफ हर ओर बस केवल दुःशासन हैं यहाँ अंधा वही राजा वही निर्बल प्रशासन है यहाँ तेरे बनाए लोग कुछ इस देश मे अभिशाप हैं यदि वो दुःशासन पाप था ये पाप के भी बाप है कल फिर कोई हैवान बेटी न किसी की मार ले हे कृष्ण फिर अवतार ले! हे कृष्ण फिर अवतार ले!  गर तू नहीं आता तो फिर अपना सुदर्शन दे मुझे, ताकत वही क्षमता वही अपना प्रदर्शन दे मुझे मैं हर हृदय की वेदनाओं का अखिल संकाय हूँ मैं सोचकर भी कुछ नही कर पा रहा असहाय हूँ तू फिर से अपने हाथ मे अपना अखिल संसार ले हे कृष्ण फिर अवतार ले! हे कृष्ण फिर अवतार ले! *— ‽*
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