she'r-o-suKHan
she'r-o-suKHan
June 19, 2025 at 04:50 AM
डरने के लिए है न नसीहत के लिए है जिस उम्र में तुम हो वो मोहब्बत के लिए है ये दिल जो अभी पिछले जनाज़े नहीं भूला तैयार अब इक और मुसीबत के लिए है  *क्या है जो मुझे हुक्म नहीं मानने आते* *दीवाना तो होता ही बगावत के लिए है* पाइसिस है अगर वो तो परेशान न होना ये बुर्ज बना ही किसी हैरत के लिए है  *ये प्यार तुझे इसलिए शोभा नहीं देता* *तू झूठ है और झूठ सियासत के लिए है!* *— Ali Zaryoun*
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