
she'r-o-suKHan
June 19, 2025 at 05:02 AM
*पायल कभी पहने कभी कंगन उसे कहना*
*ले आए मुहब्बत में नयापन उसे कहना*
*मयकश¹ कभी आँखों के भरोसे नहीं रहते*
*शबनम² कभी भरती नहीं बर्तन उसे कहना*
¹ शराबी, मद्यप
² ओस, तुषार
घर-बार भुला देती है दरिया की मुहब्बत
कश्ती में गुज़ार आया हूँ जीवन उसे कहना
*— Tehzeeb Hafi*
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