she'r-o-suKHan
she'r-o-suKHan
June 19, 2025 at 05:25 AM
*उसी जगह पर जहां कई रास्ते मिलेंगे* *पलट के आए तो सबसे पहले तुझे मिलेंगे* अगर कभी तेरे नाम पर जंग हुई तो हम ऐसे बुज़दिल भी पहली सफ़ में खड़े मिलेंगे तुझे ये सड़कें मेरे तवस्सुत से जानती हैं तुझे हमेशा यह सब इशारे खुले मिलेंगे हमें बदन और नसीब दोनों संवारने हैं हम उसके माथे का प्यार लेकर गले मिलेंगे ना जाने कब उसकी आंखे छलकेंगी मेरे गम में ना जाने किस दिन मुझे ये बर्तन भरें मिलेंगे *तू जिस तरह चूमकर हमें देखता है 'हाफी'* *हम एक दिन तेरे बाजुओं में मरे मिलेंगे* *— Tehzeeb Hafi*
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