
Yogendra Yadav
June 19, 2025 at 03:17 PM
क्या मोदी सरकार अमेरिका के सामने कृषि व्यापार में समर्पण की तैयारी में है?
नीति आयोग द्वारा इस हफ़्ते प्रकाशित ‘वर्किंग पेपर’, जो “व्यक्तिगत राय” के नाम पर जारी किया गया है, असल में मोदी सरकार की औपचारिक नीति की अनौपचारिक घोषणा है। विश्लेषण निर्यात का है, पर सिफारिशें आयात की — वह भी अमेरिका के पक्ष में।
अमेरिका चाहता है कि GM सोयाबीन और मक्का पर लगी रोक हटे और आयात शुल्क घटे। नीति आयोग इसकी राह बताता है — तेल के बहाने सोयाबीन लाओ, बायोफ्यूल के बहाने मक्का लाओ।
लेकिन कोई नहीं पूछता: इससे भारत के किसान का क्या होगा?
मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र का सोयाबीन किसान पहले ही झटका झेल चुका है। पंजाब से बंगाल तक फैली मक्का की खेती पर सीधा असर होगा। दूध, मुर्गा, अंडा, हर स्थानीय उत्पादन संकट में होगा। और अगर GM फसलें देश में आईं, तो क्या उन्हें फैलने से रोका जा सकेगा?
यह शोध नहीं, नीतिगत आत्मसमर्पण है।
नीति आयोग के लिए ये सवाल शायद गैरज़रूरी हों — लेकिन ये सवाल किसान आंदोलन को पूछना होगा।

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