
Hindi Poetry, कविताएं
June 3, 2025 at 04:41 PM
प्रेम में पड़ा 'पुरुष'
हो, जाता है 'स्वार्थी!
उसे हर हाल
में चाहिए होती हैं,
अपनी 'प्रेमिका' और, उसका 'प्रेम!
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