Hindi Poetry, कविताएं
Hindi Poetry, कविताएं
June 11, 2025 at 02:29 PM
सुनो ... आवश्यकता पड़ने पर में तुम्हें अपने हिस्से का भोजन तक दे दुँगा परन्तु मैं तुम्हारें लिए किसी भी चाँद तारें जैसी अंतरिक्ष या अन्य किसी भौतिक असाध्य वस्तु को ले आने का दावा नहीं कर सकता मुझे अगर मेरी सादगी के साथ अपना सको तो मेरे जीवन भर के प्रेम की उपभोक्ता सिर्फ तुम हो..

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