शिक्षक दखल
शिक्षक दखल
June 13, 2025 at 11:23 PM
*सुबेरे की राम राम 🙏💐🚩* अब लोग दूसरों की हार से खुश होते हैं, अपनी जीत से नहीं। समाज में प्रतिस्पर्धा नहीं, ईर्ष्या पल रही है। जब दूसरों का गिरना तुम्हें ऊँचा महसूस कराए, तो समझो — तुम्हारी ऊँचाई नकली है। अगर वाकई बेहतर बनना है, तो खुद से लड़ो, और दूसरों को दुआ दो। *सुप्रभात ❤️*
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