
Akarsh"Pathik"
May 28, 2025 at 06:54 PM
*तट पर बैठे-बैठे तेरे*
*हाथ कहाँ कुछ आएगा !*
*रत्न मिलेंगे तुझको जब*
*सागर के तह में जाएगा !*
*कुछ ना आए हाथ तो समझना*
*डुबकी अभी अधूरी है !*
*चाहे कितना भी मुश्किल हो*
*पहला कदम जरूरी है !*

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