
Ask Mufti Ashraf
May 30, 2025 at 03:16 PM
╭ *🕌﷽🕌* ╮
*मसाइले क़ुर्बानी*
*✪ क़िस्त—04 ✪*
*☞_ क़ुर्बानी किस पर वाजिब है और किस पर नहीं -3 ❂*
*★_ चांदी के निसाब भर मालिक हो जाने पर कुर्बानी वाजिब है ।*
*★_कुर्बानी साहिबे निसाब पर हर साल वाजिब है, ज़कात में निसाब पर साल गुज़रना शर्त है लेकिन कुर्बानी के वाजिब होने के लिए साल गुज़रना शर्त नहीं बल्कि कोई शख़्स कुर्बानी के दिन साहिबे निसाब हो गया तो उस पर कुर्बानी वाजिब होगी ।*
*★_बर सरे रोज़गार साहिबे निसाब बालिग लड़के लड़कियां सब पर कुर्बानी वाजिब है चाहे अभी उनकी शादी ना हुई हो ।*
*★_एक ही घर में बाप बेटे बेटियां बीवी अगर साहिबे निसाब हो तो हर एक पर अलग-अलग कुर्बानी वाजिब है ।*
*★_मक़रूज़ अगर क़र्ज अदा करने के बाद साढ़े 52 तोला चांदी की मालियत हाजते असलिया से ज़ायद मौजूद हो तो कुर्बानी वाजिब है ।*
*★_अगर कुर्बानी के दिन गुज़र गए तो गफलत या किसी और उजर् से कुर्बानी ना कर सका तो कुर्बानी की क़ीमत फु-क़रा मसाकीन पर सदका़ करना वाजिब है लेकिन कुर्बानी के ३ दिनों में जानवर की क़ीमत सदका़ कर देने से यह वाजिब अदा ना होगा ।*
*★_साहिबे निसाब गुज़िश्ता जितने सालों की (जबकि साहिबे निसाब था और कुर्बानी नहीं की) कुर्बानी वाजिब थी और अदा नहीं की तो उन सालों का हिसाब करके (एक मुनासिब बकरे की कीमत जितनी बनती है) वो रक़म सदका़ करना वाजिब है ।*
*★_गुंजाइश हो तो अपने मरहूम बुजुर्गों की तरफ से और हुजूर सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम की तरफ से ज़रूर कुर्बानी की जाए।*
*"_ लेकिन अगर साहिबे निसाब है पहले अपनी तरफ से कुर्बानी करें और दूसरी कुर्बानी मरहूम बुजुर्गों और हुजूर सल्लल्लाहु अ़लेहि वसल्लम की तरफ से अलग करें।*
*★_ जिस पर कुर्बानी वाजिब नहीं अगर वह भी कुर्बानी करे तो उसे भी पूरा सवाब होगा ।*
*"_अगर किसी आदमी ने कुर्बानी की नियत से बकरा लिया और फिर कुर्बानी से पहले ही बेच दिया तो इस्तिग़फ़ार करते हुए उस रक़म का सदका करना वाजिब है, और अगर कुर्बानी उस पर वाजिब थी (साहिबे निसाब था) तो दूसरा जानवर खरीदकर कुर्बानी के दिनों में कुर्बानी करें ।*
*📘 आपके मसाइल और उनका हल जिल्द 4 सफा-१७३ _,*
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